कोलकाता: जाने माने शास्त्रीय संगीत के गायक उस्ताद राशिद ख़ान का निधन। मंगलवार 9 जनवरी 2024 कोलकाता के एक निजी अस्पताल में उन्होंने 55 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। Ustad Rashid Khan कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। पिछले वर्ष दिसंबर महीने से ही उनके स्वास्थ्य में दिक्कत आई थी। 23 दिसंबर 2024 से वो एक अस्पताल में ICU में भर्ती थे और काफ़ी दिनो से वेंटीलेटर पर चल रहे थे। हाल ही में उनका उपचार मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में चल रहा था लेकिन कुछ महीनो के बाद उन्हे कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
Ustad Rashid Khan की पैतृक निवास बदायू उत्तर प्रदेश है। उन्होंने अपनी गायकी की प्रारंभिक शिक्षा उस्ताद निसार हुसैन खान से सीखी थी। और वो मिया तानसेन की 31 वी पीढ़ी है। उन्होंने कई बहुचर्चित फिल्मों में अपनी आवाज़ की छटा बिखेरी थी। फिल्म जब वी मेट में उनके द्वारा गाई गई एक बंदिश आओगे जब तुम ओ साजना अंगना फूल खिलेंगे काफ़ी लोकप्रिय एवम प्रसिद्ध थी।
11 साल की उम्र में गया पहला गाना
बता दे की उस्ताद राशिद खान ने अपने पहले गीत का भी ज़िक्र कई बार किया है। उस्ताद राशिद खान जब 11 वर्ष की किशोरावस्था आयु में थे तब उन्होंने अपना पहला गीत किसी मंच से गाया था। और इस गीत को सुन वहा पर बैठे श्रोताओ ने खूब सराहना की थी। उस समय यह कहा जा रहा था की यह लड़का आगे जाकर बहुत बड़ा सिंगर बनेगा। और हुआ भी वही उस्ताद राशिद खान ने अपने सुरीले गीतों से अपने चाहने वालो को एक बेहतरीन गायन दिया था।
‘जब वी मेट’ से छाए बॉलीवुड में
उस्ताद राशिद खान ने फिल्म ‘जब वी मेट’ से काफी लोकप्रियता हासिल की थी। इस फिल्म में उनकी बंदिशे काफी पॉपुलर हुई थी। और उस्ताद राशिद खान इन्ही गीतों के बदौलत कई फिल्मो में काम करने का और अवसर मिला।
उस्ताद अमीर खां एवम् पंडित भीमसेन जोशी से मिली सिख
Ustad Rashid Khan विलक्षण प्रतिभा के धनी थे और उनके गायन शैली उनके नाना के गायन शैली से मिलती जुलती थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था की उनके पसंदीदा शास्त्रीय संगीत आइडल उस्ताद अमीर खां एवम् पंडित भीमसेन जोशी के गायन से बहुत प्रभावित थे।
Ustad Rashid Khan प्रमुख गीत
उन्होंने अपने कैरियर में सबसे लोकप्रिय गानों में तोरे बिना चैन जैसे कई ऐसे गाने है गाए है जो आज भी खासा लोकप्रिय है। उन्होंने कुछ प्रमुख फिल्म माई नेम इज़ खान, राज 3, कादंबरी, शादी में जरूर आना, मंटो, मिटिन मास, कई ऐसे फिल्म है जिसमे उन्होंने अपने जादुई स्वर की छटा बिखेरी थी।
2006 में मिला पद्मश्री
भारतीय शास्त्रीय संगीत की यह आवाज़ अब कभी भी सुनने को नही मिलेगी, उनके निधन की ख़बर सुनकर बॉलीवुड सहित कई नामी हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किए है। खास कर सोसल मीडिया पर उन्हें याद किया जा रहा है।
उस्ताद राशिद खान का जन्म
उस्ताद राशिद खान का जन्म उत्तरप्रदेश के बदायुँ जिले के सहसवान में हुआ था और मात्र 55 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इन्होने सन 1977 से शास्त्रीय संगीत की सुरुवात की थी। उस्ताद राशिद खान भारत के शास्त्रीय संगीत के जाने माने गायक थे।