Tokyo: किसी को यह अंदाजा तक नही था की साल के पहले दिन ही जापान की धरती इस तरह कांप उठेगी। जी हां सही सुना आपने जहां नए साल के अवसर पर पूरी दुनिया में हर्षोल्लास का माहौल रहा वही जापान में भूकंप और सुनामी ने चारों तरफ़ हाहाकार मचा दिया। 1 जनवरी को रात 10 बजे के आस पास जापान का टोक्यो शहर 7.4 तीव्रता वाले भूकंप के झटको से दहला जापान। भूकंप के झटको के साथ साथ सुनामी ने पूरे शहर को अपने आगोश में ले लिया। सुनामी का कहर इतना भयानक था की लगभग 36 हज़ार इमारते जमीदोज हो गई।
Japan Earthquake
सुरक्षा को देखते हुए आम नागरिकों को किसी तरह स्थानांतरित किया जा रहा है। जापान के मौसम वैज्ञानिको के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार सुनामी की लहरे लगभग 16 फीट की ऊंचाई को पार कर गया। जापान सरकार के द्वारा राहत बचाव कार्य तेजी के कार्य कर रहा है। उम्मीद है जल्द ही सबकुछ सामान्य होगा।
जापान जैसे विध्वंसकारी प्रलय ने वहां की सड़कों को और धरती को क्षत विक्षत कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जापान की सड़कों में अब बड़े-बड़े दर्रे नजर आ रहे हैं। और हजारों घर ऐसे हो गए जैसे यहां कुछ था ही नहीं। लोगों के लिए बड़ी मुश्किलों का समय है। पत्रकारों ने पूरे एरिया का जायजा लेते हुए कहा कि स्थिति अभी काफी नाजुक है। और लोगों को भी राहत कैंप तक पहुंचा जा रहा है। सरकार की तरफ से यह कहा गया है कि, लोगों को उचित संसाधनों को मुहैया कराया जाएगा अतः किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार आपके साथ है और हम हर संभव प्रयास करेंगे कि जिंदगी फिर से सामान्य हो सके।
जापान की नोटों प्रायद्वीप की स्थिति इस समय यह है कि जापान में जब भूकंप आया तो वहां पर समुद्री सीमा का जो पानी होता है वह तटीय क्षेत्र से लगभग 800 फीट दूर जा चुका है। वहां के लोगों का कहना है कि पहले या जो समुद्र का पानी दिख रहा है यह एकदम तट से लगा हुआ रहता था लेकिन इस भूकंप के आने के बाद इस तत्व क्षेत्र से पानी लगभग 800 फीट दूर जा चुका है और इसे इस क्षेत्र में कोई भी वोट नहीं आ सकती क्योंकि पानी बहुत कम है और इस स्थिति में वोट चलने का सवाल ही नहीं उठता।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने तस्वीर जारी करते हुए दिखाया कि पहले अब और में क्या अंतर है। तस्वीरों में साफ़ दिख रहा है कि वहां का पानी पहले तट सेल बिल्कुल लगा हुआ था। लेकिन अब वहां से काफी दूर जा चुका है।अतः उसे क्षेत्र में पानी बहुत कम हो गया है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान में आए इस आपदा पर जापान के प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री ने अपने इस पत्र में लिखा है, कि इस संकट काल में भारत जापान के साथ खड़ा है। अतः भारत की तरफ से जो भी बन सकता है वह हर संभव मदत करने के लिए तैयार है।
आपको बता दे की 1 जनवरी 2024 को जापान में एक विध्वंसकारी भूकंप में करीब डेढ़ सौ लोगों की जान चली गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में लिखा कि जापान में आए इस बड़े भूकंप के बारे में जानकारी हुई अतः जानकर में बहुत दुखी हूं और चिंतित हूं। इस आपदा में मृतक सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं। और उनके परिवार वालों को इस दुख की घड़ी में ईश्वर से संबल देने की कामना करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस आपदा के घड़ी में भारत जापान के साथ खड़ा है अतः जापान एक भारत का विशेष सहयोगी देश रहा है। और भारत की उन्नति में जापान का भी हाथ रहा है इसलिए हमारा दायित्व बनता है कि मुश्किल घड़ी में हम अपने मित्र देश का साथ दें और भारत जो की कर रहा है।
आपको बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सन 2011 में आए भूकंप पर भी अपनी गहरी संवेदना प्रकट की थी हालांकि नरेंद्र मोदी उस समय भारत के प्रधानमंत्री नहीं थे। लेकिन उन्होंने उसे दुख की घड़ी में भी जापान का साथ दिया था।
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