बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना स्थित राज भवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ से मुलाकात की इस दौरान उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देते हुए राज्यपाल को इस्तीफा पत्र सौंप दिया है। और आगे बीजेपी के साथ सरकार बनाने का दावा भी किया है।
Bihar Politics: जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने रविवार को राज भवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ से मुलाकात की है और इस्तीफा पत्र सौंप दिया है। आज सुबह जदयू की बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया कि अब हमें इस्तीफा दे देना चाहिए।
पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि आज हमने इस्तीफा दे दिया है और अलग हो गए। उन्होंने कहा कि अन्य पार्टियों जो पहले एक साथ होकर चली थी अगर वह आज ही करेंगे इस पर चर्चा किया जाएगा और फैसला भी होगा। अरुण पूछा की शपथ ग्रहण कब है उन्होंने कहा कि पहले चर्चा तो हो जाने दीजिए फिर शपथ कब होगा यह आप सभी जान लीजिएगा।
एक पत्रकार ने प्रश्न पूछा कि लोग बोल रहे हैं कि आप अवसरवादी हैं इसका जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि लोग चाहे कुछ भी बोले लेकिन हमें वहां ठीक नहीं लग रहा था पहले जैसा कुछ अच्छा नहीं चल रहा था इसलिए हमने अलग होने का निर्णय लिया और कुछ दिनों से मैं मीडिया के सामने कुछ बोल भी नहीं रहा था यह आप लोग भी देखे होंगे।
उन्होंने कहा कि इस गठबंधन के दौरान हम कुछ काम नहीं कर पा रहे थे और हमें कार्य करने में समस्या हो रही थी। नीतीश कुमार के शब्दों से यह पता चल रहा था कि आज ही यह निर्णय हो जाएगा की शपथ ग्रहण कब होगा। प्रकारों से चारों साल में कहा कि आप लोग यही रहिए देखिएगा भी आप लोगों को खबर मिल जाएगा। उन्होंने अपने बयान के दौरान आखिरी शब्द के रूप में कहा कि हमने उन्हें छोड़ दिया।
नीतीश कुमार का राजनीतिक सफ़र
1977 का दौर चल रहा था इन्हें जनता पार्टी की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ाया गया उसके बाद उन्होंने 1985 से 1989 तक बिहार विधानसभा के सदस्य भी रहे थे फिर दौड़ आता है 1986 से 1987 का इस दौरान उन्होंने कमेटी पेटीशंस के पद को ग्रहण किया।
नीतीश कुमार को 1987 से 1988 के बीच लोक दल पार्टी का बिहार अध्यक्ष बनाया गया। फिर दौर आता है 1987-88 का जब इन्हे बिहार विधान सभा का सदस्य चुना गया।
1989 में जनता जल पार्टी की तरफ से बिहार के महासचिव के पद पर आसीन हुए।
24 नवंबर 2005 से 24 नवंबर 2010 के बीच में बिहार के 31 वे मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया।
26 नवंबर 2010 से 17 में 2014 तक इन्होंने बिहार के 32 में मुख्यमंत्री के रूप में प्रभार ग्रहण किया।
22 फरवरी 2015 से 19 नवंबर 2015 तक इन्होंने बिहार की 34 में मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
20 नवंबर 2015 से 26 जुलाई 2017 तक इन्होंने बिहार के 35 में मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
फिर 27 जुलाई 2017 को बिहार के 35 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
16 नवंबर 2020 से 28 जनवरी 2024 तक उन्होंने बिहार के 37वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
और हो सकता है की 29 जनवरी 2024 को फिर से एक बार फिर से 38 वे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले।
गौरतलब है की पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा था कि अगर नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के साथ रहते हैं तो उनकी 5 सिट भी नहीं आएगी यह में दावे के साथ कह सकता हूं।